Saturday, July 23, 2011

गीता भाभी ने चोदना सिखाया


मैं दसवीं के विद्यार्थियों को ट्यूशन पढ़ाया करता था। मेरे पड़ोस में एक परिवार रहता था, पति-पत्नी, उनकी 5 लड़कियाँ, एक लड़का और बच्चों के दादा। बड़ी लड़की दसवीं में पढ़ती थी। आदमी दिल्ली में नौकरी करता था।

मुझे ट्यूशन पढ़ाते देख गीता भाभी ने मुझे अपने घर बुलाया और कहा -मेरी बेटी की दसवीं की परीक्षा है, घर की हालत ठीक नहीं है, क्या आप उसको कभी कभार दस-बीस मिनट कभी भी शाम को या रात में थोड़ा पढ़ा देंगे?

मैंने कहा- हाँ ! क्यों नहीं ! कल से ही आ जाउंगा।

दूसरे दिन फ़िर उसने मुझे कहा तो रात को मैं उनके घर चला गया, थोड़ी देर पढ़ाया और चला आया। फ़िए मैं रोज़ जाने लगा। पढ़ाई के समय गीता भाभी हमारे पास ही बैठती थी।

एक रात जब मैं पढ़ा रहा था तो गीता ने अपनी बेटी के सामने ही कहा- आप बहुत थक जाते होंगे, लाईये मैं आपके पैर दबा दूं !





पता नहीं क्यों मैं भी इन्कार ना कर सका और वो मेरे पैर दबाने लगी। मेरे शरीर में कुछ हलचल सी होने लगी। थोड़ी देर में मैं वहाँ से चला आया पर रात भर नींद नहीं आई क्योंकि पहली बार किसी औरत ने मेरे बदन को छुआ था।

अगले दिन से वो रोज़ मेरे पाँव दबाने लगी, पर उसका हाथ धीरे धीरे ऊपर की ओर बढ़ने लगा। एक दिन वो जिद करके तेल लगाने लगी। उस समय मैं उसकी बेटी को बायोलोज़ी पढ़ा रहा था। अचानक वो मेरे लण्ड पर तेल लगाने लगी। मेरा लण्ड खड़ा हो गया।जब मैंने उसकी ओर देखा तो वो मुस्कुराने लगी। जब मैंने आने लगा तो उसने कहा कि पेट दर्द की कोई दवाई हो तो देना।



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भाभी और उसकी बहन को चोदा


मेरा एक दोस्त है राहुल। राहुल और मैं साथ साथ पढ़े लिखे, मगर राहुल की शादी मुझसे पहले हो गई। राहुल एक पायलट है। उसकी शादी शिमला की निधि नाम की लड़की से हुई थी। वो जब भी बाहर जाता मुझे हमेशा कह कर जाता कि निधि का ख्याल रखना। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंज़ूर था।

एक दिन मैं भाभी के घर गया, दरवाज़ा बन्द था, मैंने बेल बजाई मगर कुछ देर तक कोई नहीं आया। कुछ देर बाद राहुल की ३ साल की बेटी ने दरवाज़ा खोला।

मैंने उससे पूछा- मम्मी कहाँ है?

तो वो बोली- मम्मी अपने कमरे में काम कर रही हैं, मैं उसके कमरे की तरफ़ गया, मुझे वहाँ कोई नहीं दिखाई दिया। मैं वापिस आ रहा था कि इतने में मुझे बाथरूम से कुछ आवाज़ आई-आ ऽऽऽआआ आआआऽऽऽऊऊऊऊम्मम्मम्मम्मम्म ।





मुझे आवाज़ अजीब सी लगी और मैं बाहर चला आया। कुछ देर बाद भाभी बाथरूम से बाहर निकली बिना कपड़ों के पूरी नंगी। उनको नंगा देख कर मेरा लण्ड जो कि ८ इन्च का है खड़ा हो गया। भाभी जल्दी से बाथरूम की तरफ़ भाग गई और तौलिया लपेट कर बाहर आई। मुझे काफ़ी डर लग रहा था कि भाभी मुझ पर चिल्लाएंगी। मगर भाभी मेरे पास आई और मुझसे कहने लगी- मुकेश तुम कब आये?

मैं उनकी बातें समझ नहीं पा रहा था। मैंने भाभी से कहा- मैं चलता हूँ, फ़िर आऊँगा।

मैं घर पहुँचा मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था। मुझे सारा दिन सारी रात भाभी का वही नंगा बदन याद आ रहा था। बार बार मेरा लौड़ा खड़ा हुए जा रहा था। मैंने उसे एक हसीन सपना समझकर भूलने की काफ़ी कोशिश की मगर भूल नहीं पा रहा था।
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Saturday, July 16, 2011

पड़ोस वाली भाभी की चुदाई


एक बार मैं अकेले घर पर था, उस दिन मेरे घर पर कोई नहीं था। मैं सेक्सी बुक देख रहा था, मेरा लंड खड़ा था मेरे घर का दरवाजा खुला था।

तभी पड़ोस में रहने वाली भाभी जी अन्दर आ गयीं और मुझे लगा कि कोई आ रहा है। मैंने शीशे में देख लिया कि भाभी खड़ी मुझे देख रही थी।
मैने अपना मोटा लाल और चिकना लंड अपने हाथ में पकड़ रखा था। मैने कुछ नहीं पहना था, एक दम नंगा था।

भाभी बहुत ध्यान से देख रही थी। मैंने लंड को और ऊपर कर दिया अब भाभी को मेरा लम्बा लंड साफ़ दिख रहा था, वो मस्त हो रही थी। बहुत देर देखने के बाद भाभी ने आगे आकर मुझे पीछे से पकड़ लिया। मैं खड़ा हो गया। मेरा लंड भाभी के पेट में गड़ने लगा। तभी वो देख कर बोली कि कितना सेक्सी है तुम्हारा लण्ड ! और झट से पकड़ लिया। वो बोली तुम्हारा तो तुम्हारे भाई से भी मोटा है ! तुम भी प्यासे हो और मैं भी, चलो दोनो की प्यास बुझ जायेगी. तुम्हारे भाई का तो ठीक से खड़ा भी नही होता, और खड़ा भी होता है तो जल्दी ही झड़ जाता है।



इतना सुनते ही मैंने भाभी को पकड़ लिया और उन्हें बेड पे लिटा दिया. तभी भाभी ने कहा अभी दिन में कोई आ जाएगा, मैं रात में आ जाऊंगी तब जी भर के एक दूसरे को चोदेंगे।

लेकिन मैं नहीं माना क्योंकि मैं तो पहले ही गरम हो रखा था। मेरे ज्यादा जोर देने के बाद भाभी मान गई और बोली- जाके दरवाजा बंद कर दो और जल्दी से अपना पूरा कर लो. मैंने जल्दी से दरवाजा बंद किया और भाभी के पास आ गया. मैं उन के कपड़े उतारने लगा तो भाभी ने मना कर दिया की सारे कपड़े मत उतारो कोई आ जाएगा।



फ़िर मैंने भाभी की साड़ी ऊपर कर दी और उन की पेंटी उतार दी। उन्होंने मेरा लण्ड अपने मुँह में ले लिया और बहुत प्यार से उसे चूसने लगी. २ मिनट चूसने के बाद भाभी बोली कि जल्दी से कर ले, मेरे को घर जाना है। भाभी की सास बहुत ही शक्की है. वो उन को हमारे घर के सिवा कहीं नहीं जाने देती और अगर हमारे घर पे भी ज्यादा टाइम हो जाए तो वह भी ये देखने आ जाती है कि क्या कर रही है। हमें बहुत देर हो गई थी इस लिए भाभी थोड़ा डर रही थी।
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पड़ोस वाली भाभी




मैं राहुल …आप लोगों को अपनी पहली कहानी सुनाने जा रहा हूं।

एक दिन मैं अपने घर की तरफ़ जा रहा था कि मैंने देखा कि कोई मुझे बुला रहा है। मैं उनके पास गया तो देखा कि वो मेरे पड़ोसी हैं और बहुत ज्यादा पीने की वजह से वो चल नहीं पा रहे हैं।
मैंने अंकल की मदद की और उन्हें उनके घर तक छोड़ने गया। डोरबेल बजाई तो एक औरत ने दरवाजा खोला जिन्हें मैं भाभी बुलाता था और जब उन्होंने मुझे अपने पति के साथ देखा तो चिड़चिड़ाना शुरू कर दिया।

मैंने कहा- पहले अन्दर तो आने दो फ़िर जो मर्जी कह लेना, पर वो गुस्से से लाल हो रही थी। मैंने उनके पति को बेडरूम में ले जा कर लिटा दिया और वापिस जाने लगा तो मुझे अन्तर्वासना की एक कहानी याद आ गई और मैंने जानबूझ कर एक गिलास पानी मांगा तो भाभी पानी लेने चली गई। जब वो वापिस आई तो पानी पीने के बाद मैं उनसे बोला कि मुझे नींद आ रही है और मैं जा रहा हूं।





इसपर भाभी ने कहा - आप बहुत थक गए होंगे।

मैंने कहा- भाभी कोई बात नहीं।

मैं तो घर ही जा रहा था कि देखा भैया बुला रहे हैं, तो वो बोली कि इनका तो रोज़ का काम है और आज तो हद कर दी इन्होंने !

मैं उनको समझा कर जाने लगा तो भाभी ने पूछा कि आप चाय लेंगे?

मैंने कहा- इतनी रात को क्यों तकलीफ़ करती हो भाभी !

तो वो बोली- क्या तकलीफ़ ! बस दो मिनट लगेंगे।

मैंने कहा- ठीक है।

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भाभी किराएदार


यह बात आज से १ साल पुरानी है जब हमारे मकान में एक किरायदार रहने के लिए आए थे। में उन्हें भैया और भाभी कहता था। धीरे धीरे उनसे अच्छे सम्बंध बनते गये और मैं उनके करीब पहुंचता गया।

भाभी का पति तो ज़्यादातर तौर पर बाहर ही रहता था।
एक दिन यूँ हुआ कि भाभी के पति गये हुए थे और मेरे घर वाले भी आउट ऑफ मुंबई गये थे और कमरे की चाबी भाभी को दे गये, मुझे घरवालो ने फोन कर के बता दिया था की चाबी भाभी के पास है।

मैं घर पे आया और सीधा भाभी के कमरे की बेल बजाई तो भाभी निकली उस वक़्त उन्होने क्रीम रंग का गहरे गले सूट पहन रखा था और सिर पे दुपट्टा भी नही था। वैसे भाभी का फिगर ३६ ३२ ३६ होगा, ब्रा इतनी टाइट पहन रखी थी कि मुमे बाहर आने के लिए फड़फड़ा रहे थे।





मैंने कहा- भाभी चाबी चाहिए !

तो भाभी ने कहा- अंदर आ जाओ ! मैं चाबी लाती हूं !

इत्तफ़ाक़ से क्या हुआ कि भाभी चाबी रख कर भूल गई. भाभी थोड़ी देर बाद आई और मुझसे कहा कि चाबी तो पता नही कहां रख कर भूल गई मैं?

मैने कहा- भाभी चाबी तो चाहिए नहीं तो मैं रात को कहां पर लेटूंगा?

तो भाभी ने कहा की ठीक है, मैं और अच्छी तरह से एक बार और देख लूँगी। यह कह कर वो सोफे पर बैठ गई और मुझसे बात करने लगी और फ़्रिज़ में से पेप्सी निकाल कर ले आई। मुझे भाभी ने पेप्सी दी लेकिन खुद नहीं
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किरण भाभी को चोदा


मेरी भी एक दूर की भाभी है, उनका नाम किरण है, उम्र ३० साल है। वो विधवा है और ३ बच्चों की माँ है। उसके पति यानि मेरे भाई की मृत्यु हो चुकी है। पर साली किरण भाभी पर उसके मरने का असर १-२ साल ही रहा। उसने मेरी तरफ नज़रें कीं। रोज़ मुलाक़ात हो जाती थी क्योंकि हमारा घर अगल बगल में ही है। मुझे भी चोदने का मन कर रहा था।
और मैंने उसके इशारे समझ लिए थे, और सोचा कि साली भाभी है तो क्या हुआ, उम्र मेरे से थोड़ी अधिक है। उसका अपना लण्ड चुसवा कर चुदाई ज़रूर करूँगा।

एक रात उसने पेट में दर्द के कारण मुझे बुलाया। मैं दवा लेकर गया। उसके कहने पर मैं बैठ गया। धीरे-धीरे उसे सहलाने लगा। उसका दर्द कम हो गया था, और वो गरम हो रही थी। मैं भी धीरे से अपना हाथ आगे बढ़ा रहा था पर उसने कुछ नहीं कहा। मैंने जान लिया कि साली गरम हो रही है और अपने बुर में मेरा लण्ड पेलवाना चाहती है। मैंने झट से अपना लण्ड निकाल लिया और उसके ऊपर चढ़ गया। अपना लण्ड उसके मुँह में डालने लगा। पर वह इसे अपने मुँह में नहीं लेना चाहती थी। पर मैंने कहा कि साली रण्डी पहले इशारा करती थी, अब नखरे करती है। ज्यादा नखरे किये तो लण्ड केवल मुँह में ही नहीं, बुर और गाँड में भी पेल दूँगा। इतना कहकर ज़बर्दस्ती अपने खड़े लण्ड को उसने मुँह में पेल कर चोदने लगा। उसके मुँह से गूँ-गूँ की आवाज़े आ रहीं थीं। कुछ देर में ही मेरे लण्ड ने अपना माल उसके मुँह में छोड़ दिया।

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